जनवरी 31 को घट स्थापना के बाद प्रारंभ हुए पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव का सोमवार 5 फरवरी 2018 को समापन हुआ. मोक्ष कल्याणक के बाद तारण तरण जैन पाठशाला में दोपहर को भारी-भीड़ के बीच गजरथ निकाले गए. जिसमें सर्वप्रथम स्वर्ण रथ में भगवान जिनेन्द्र विराजमान थे. यात्रा में राजस्थान से आया भारी वजनी स्वर्ण रथ आकर्षण का केंद्र था. वहीं दूसरे और तीसरे क्रम में सौधर्म इंद्र, कुबेर सहित सभी इंद्र रथ में विराजित थे. इसके बाद मुनि संघ और ब्रह्मचारी बहनों का समूह चल रहा था. पीछे पीत वस्त्र धारण किए भक्तजनों का समुदाय था. गजरथो से हवन-पूजा स्थल की सात परिक्रमा लगाई गई.
गजरथ का विशाल कार्यक्रम मुनि प्रशांत सागर, मुनि निर्वेग सागर, मुनि अजित सागर, मुनि विशद सागर, ऐलक दयासागर, ऐलक विवेकानंद सागर महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ. पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के दौरान पुराने बस स्टैंड पर कीर्ति स्तंभ का भी भूमि पूजन किया गया.
इस महोत्सव का आयोजन जैन मंदिर गांधी चौक, बुढापुरा, त्रिमूर्ति मंदिर बरेठ रोड के नए मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान की प्रतिमाओं की स्थापना के लिए किया गया.
धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होकर धर्म लाभ लेने दूर-दूर के शहरो से श्रद्धालु नगर में पधारें.
Gajrath basoda |
गंजबासौदा में गजरथ का समापन |
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