माँ तुझे है मेरा नमन, पल-पल याद करता है मेरा मन
जीवनदायिनी माँ को शत-शत अभिनंदन
अस्तिव को बनाने वाली, माँ को मेरा जीवन "अर्पण"
त्याग, बलिदान की मूर्ति है माँ,
सब सहती है, कुछ न कहती है माँ
परिवार की बगिया को,
ममता से सींचती है माँ
अपने सपनो को भूल,
एकता में पिरोती है माँ
भोर होने से सांझ ढलने तक,
समर्पित रहती है माँ
अम्मा, मईया, आई नाम तेरे अनेक है
सब पर निश्छल प्रेम तेरा एक है
आदर, सम्मान देना ही, हमारा फर्ज है
कैसे उतारेंगे प्यार का, चढ़ाया जो तुमने कर्ज है
माँ जैसी नहीं कोई मूरत,
भगवान की दिखती है तुझमे सूरत
माँ अपने आशीष से हमें भिगोए रखना
पावन मन में हमेशा संजोए रखना
दुखो की धूप से, आशीर्वाद की छाया दे माँ
हम बच्चो को निरोगी काया दे माँ
माँ के चरणों में ही है स्वर्ग और तीरथ
कभी नहीं बदलना माँ के प्रति अपनी सीरत
जिसने भी बढाया माँ का मान है
समाज में उसका अपना ही सम्मान है
||माँ तुझे है मेरा नमन, पल-पल याद करता है मेरा मन ||
ऋतु बासौदा
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